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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-29)

                           ♥️आनंद प्रपोजल ♥️





पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि आनंद मिठाइयों का डब्बा लेकर आता है ,
अब आगे
आनंद -( खुशी में ) मेरे पास भी एक खुशखबरी है ....
( सब लोग ये सुनकर आनंद की तरफ देखने लगते है ...तभी संजना ..आनंद के पास आकर कहती है )
संजना -( खुश होकर ) मै बुआ बनने वाली हु ....अरे मोरी मईया ...हम बहुत खुश है ...
( पीछे निहारिका और सपना जी सुनती है तो वो भी खुश होकर ..खुशी को बधाइया देने लगती है ...सामने दरवाजे पर खड़ा आनंद उन लोगो को हैरानी से देखने लगता है और  कहता है कि )

आनंद - अरे मेरी बात तो ...
( तभी  सपना जी एक मिठाई निकालकर उसके मुंह में डाल देती है और कहती हैं )
सपना जी - इतनी जल्दी खुशखबरी मिलेगी ..हमे तो भरोसा ही नहीं हो रहा .. दिल खुश हो गया मेरा आज😍..
( टेबल के पास खड़ी खुशी ..हैरानी से आनंद को सवालिया नजरो से घूरने  लगती है तो आनंद ....आंखे बन्द करके कहता है )
आनंद - ( तेज से ) सब लोग शांत हो जाइए ...
( सब चुप हो जाते है तो वो बताता है कि ये बच्चे वाली खुशखबरी नहीं है ....इतना सुनते ही निहारिका जी मिठाई का डब्बा वहीं टेबल पर रखकर दूसरी साइड देखने लगती है ,संजना जो खबर सुनते ही बच्चे के लिए खिलोने ऑर्डर कर रही होती है ...सब कैंसल कर देती है और कहती है )
संजना - मूड ऑफ कर दिया मेरा 🙄अब जल्दी से बताओ क्या खबर है?
आनंद -( संजना से कान में कहता है) मूड तो तुम्हारा ऑफ होगा कुछ दिनों में ...
( संजना उसे घुर कर देखने लगती है )
आनंद - (शर्माते हुए ) वो मै फिर से शादी कर रहा ......

( ये सुनकर तो सब के सब उसे घूरने लगते है सिवाय अनंत जी के ...वो अपने कमरे में चले जाते है ..इधर खुशी जब सुनती है तो गुस्से में टेबल पर रखा हुआ संतरा निचोड़ देती है और आनंद को घूरते हुए सीढ़ियों से अपने कमरे में चली जाती है .....नीचे निहारिका जी ..आनंद को कहती है )

निहारिका जी -( गुस्से में ) मेरा थप्पड़ भूल गए क्या उस दिन का ...
आनंद -( हैरानी से ) ऐसा क्यों बोल रहे हो मॉम
सपना जी - तुम फिर से शादी कैसे कर सकते हो ??
आनंद - अरे जैसे भाई - भाभी की हुई थी वैसे ही करूंगा .... आप लोग इतना गुस्सा क्यों कर रहे 🤔?

संजना - कुछ तो शर्म करो ..एक बीवी पहले से ही और  दूसरी लाने की सोच रहे .…..

( ये सुनकर तो आनंद अपने सर पर हाथ रखकर बैठ जाता है और कहता है )

आनंद - या तो आज आप लोगो ने भांग पी रखी है या मै गलत घर में आ गया हूं
निहारिका जी - तुम दूसरी लड़की से शादी कैसे कर सकते हो ...
आनंद - ( निहारिका जी का गाल पकड़कर ) माते वो मेरी प्यारी माते ...मै शादी कर रहा हूं  और खुशी जी से ही .....😌
निहारिका जी -( हंसते हुए ) ऊप्स हमे लगा
...
आनंद - मॉम आप लोगो के लगने के चक्कर में मेरी दुल्हन पहले से ही नाराज हो गई ....( सर खुजलाते हुए ) मै मना कर आऊ क्या ???

( सब लोग वहां हंसने लगते है तो आनंद शर्माते हुए अपने कमरे में जाता है .. जहां देखता है कि खुशी बेड के कोने में तकिया लेकर बैठी हुई है .....आनंद दरवाज़ा बन्द करके मुस्कुराते हुए बेड पर जाकर बैठ जाता है और जैसे ही खुशी का हाथ पकड़ने जाता है ....)
खुशी -( चप्पल उठाकर) अभी दूर हो जाओ वरना इतना पीटूंगी की दूसरी लड़की से शादी करने लायक भी नहीं बचेंगे ....
आनंद -( हंसते हुए ) ओह हो .आप पूरी बात तो सुनिए....
खुशी -( गुस्से में) हां तो जाकर अपनी दूसरी होने वाली पत्नी  से कहो मुझे क्यों .........
( ये सुनकर आनंद खुशी की तरफ बढ़ने लगता है तो वो बेड से उठ जाती है और जाने लगती है .की ...तभी आनंद उसे खींचकर लिटा देता है और उसके ऊपर झुक कर कहता है )

आनंद - आप जब देखो को चटर - पटर .. चिट - किट .पता नहीं क्या क्या करती रहती है .......पूरी बात तो कभी सुनना ही नहीं है ....
खुशी - दूर हटिए वरना .....
( आनंद बेड से उठकर अलमीरा के पास जाता है से उसमे से सैंडल निकाल खुशी के हाथ में थमा देता है और कहता है)
आनंद - ये लीजिए सैंडल और जितना मारना है मार लीजिए ....

( खुशी...आनंद को देखने लगती है और सैंडल नीचे रखकर वहीं नीचे बैठ जाती है ..आनंद भी उसके बगल मे बैठ जाता है और कहता है )
आनंद - ( उसका गाल पकड़कर ) प्यार करती है क्या मुझसे ?
खुशी - दूर हटिए ....
आनंद - ना आज हटूंगा ...और ना ही कभी और ....
खुशी - हां तो फिर दोबारा शादी क्यों कर रहे ...
आनंद -( हंसते हुए ) इसलिए कह रहा था ...आप पूरी बात ना  सुने ही चटर - पटर करने लगती है ...(खुशी का हाथ पकड़कर ) शादी आपसे ही कर रहा हूं वापस ...चिंता नौट करिंग ...आपके रहते कोई दूसरी नहीं आ पाएगी ..😁
खुशी - हां तो मै चली जाती हूं ...
आनंद -( खुशी को करीब करके,) ऐसे कैसे जाने दू  अपनी इस चटर - पटर मशीन को .....
खुशी -( शर्माते हुए ) अरे ..दूर हटिए ..
आनंद -( खड़े होकर ) यार मुझे ना सच्ची नहीं पता कि कैसे प्रपोज करू बहुत तरीके सोचे पर  कुछ समझ नहीं आया..इसलिए एक मिनट रुकिए ...मै अभी आता हूं......
( आनंद भागकर रूम से बाहर जाता है और गार्डन से 10 गुलाब के फूल तोड़ कर उसे अपने पीछे छुपा कर रूम मै आ जाता है और खुशी के सामने बैठकर कहता है ,)

आनंद -( हंसते हुए ) ही हि ... हंसना मत .मै आपको प्रपोज करने वाला हूं ...
खुशी -( हैरानी से देखते हुए ) क्या सच्ची....
आनंद -( फूलो को उसके सामने करके कहता है ) - मेरे होने वाले बच्चो की मम्मी ..प्लीज़ मुझे एसेप्ट कर लीजिए ना ...अपने दिल के किसी कोने में जगह दे दीजिए ..,( हंसते हुए ) प्रपोज कैसे करू कुछ समझ नहीं आ रहा है....मै क्या कहूं वो भी नहीं आ रहा बस यही कहूंगा कि ..मै आपके साथ हमेशा रहूंगा चाहे दुख हो या सुख ...( एक गुलाब उसके बालो मे लगाते हुए ) और हां मै आपके लिए सब कुछ लाऊंगा ..वो आपका बैलून भी , साथ में अपने हाथो से खाना भी बनाऊंगा ....अगर आप बोलो तो कपड़े भी धो दूंगा बस मुझे हमारे फ्यूचर वाले बच्चो का पापा बना दीजिए ......
( खुशी हंसते हुए फूलो को ले लेती हैं और कहती है)
खुशी - इतना ग्रैंड प्रपोजल
आनंद -( खुश होकर ) मतलब आपका जवाब हां है
खुशी - अब कोई चारा ही कहा है ....
आनंद - अच्छा जी ..ये बात है ..ठीक मै उस रोहन को बुला लाता हु ...
खुशी - आपका पैर और मुंह तोड़ दूंगी  ....
आनंद -( खुश होकर ) क्या ...क्या सच में खुशी जी
खुशी - जी आनंद जी.....
आनंद - आज आप मेरे हाथो से नहीं बचने वाली .....आज कि रात मेरी ..
खुशी - ऐसा नहीं होने वाला ..
( खुशी कमरे में ही भागने लगती है पर आनंद उसे पकड़ लेता है और गोद मै उठकर बेड पर लिटाकर ...उसके हाथो को चूम लेता है और कहता है ,)

आनंद -  आप हमेशा ऐसे ही हंसते रहा करो ना वरना आपका नाम खुशी से दुखी कश्यप रखना होगा ...
खुशी - ठीक है ठीक है ...दूर हटिए ...
आनंद - ( उसकी तरफ झुककर ) अब तो कोई रीजन नहीं है दूर हटने का ....
खुशी - हां वो हां ....

( खुशी ऐसे ही बोलती है कि आनंद उसके दोनों हाथो मे हाथ डालकर ..कसकर पकड़ लेता है और लेट कर उसके माथे को चूमता है तो वो कसकर आंखे बन्द कर लेती है और फिर आनंद उसके गले पर किस करते हुए अपने  दोनों हाथो को उसके  गले में डालता है और अपने ऊपर लेटाकर  बाहों में भरकर  कहता है .....)
आनंद - ( उसके माथे को फिर से चूमकर ) आज नहीं....जब आप रेडी रहेंगी तब .......
( वो फिर लाइट बन्द कर देता और खुशी  खुश होकर उसके बगल मे लेटकर उसे कसकर पकड़कर सो जाती है ) .......

दूसरी तरफ

अवनी ने जब कहा होता है कि अब वो बात नहीं करेगी तो ऋषभ उसे कसकर पकड़ लेता है और नीचे नहीं उतार रहा होता है तो वो कहती है ,

अवनी - देखिए ये सही नहीं है ....मुझे आपसे बात नहीं करना ...
ऋषभ -( गोद से उतारकर ) ठीक है फिर ...
( फिर वो अपना लैपटॉप बैग लेकर जाने लगता है तो अवनी कहती है ,)
अवनी -( धीरे से ) हद है ये तो .. माना कि मै नाराज हुए ..पर एक बार मनाने की कोशिश तो कर ही सकते है ना ...( ऋषभ को जाते हुए देखकर )अकडू कहीं के .....

( ऋषभ सीढ़ियों पर जाते हुए रुक जाता है और मुड़कर कहता है)
ऋषभ -  कुछ कहा आपने ?
अवनी -( हड़बड़ा कर ) नहीं ...नहीं मैंने कहा कुछ कहा ......
ऋषभ - डिनर के बाद हम मूवी देखेंगे.....
अवनी - मेरा मूड नहीं
ऋषभ - ( मुस्कुराते हुए ) मै पूछ नहीं बता रहा हु ....

( ऋषभ फिर अपने कमरे में चला जाता है और अवनी उसे वहीं सोफे पर बैठकर घूरने लगती है..........थोड़ी देर बाद वो अपना कुर्ता प्याजमा पहन कर आता है तो अवनी कहती है )
अवनी  -( हंसते हुए ) एक बात बोलूं......
ऋषभ - ( चेयर पर बैठकर) हां ..
अवनी - मुझे सच मे नहीं पता था कि आप अमिरजादे लोग भी पयजमा पहनते होंगे ...
ऋषभ - ( डॉक्यूमेंट को पढ़ते हुए ) वेरी फनी ...आई डोंट लाइक योर जोक....
अवनी -( धीरे से ) एंड आईं डोंट लाइक योर के खड़ूसपंती ...
ऋषभ -( कुक से )डिनर लाओ .....

( आज ऋषभ ने कुक को पोहा बनाने के लिए कहा होता है .....थोड़ी देर बाद कुक खाना लेकर सर्वे करने लगता है तो अवनी मना कर देती है ...तो ऋषभ कहता है )
ऋषभ - क्यों क्या हुआ आपको??
अवनी - वो मुझे मूंगफली से एलर्जी है ....( गले को खुजलाते हुए ) इसे मेरे से दूर रखीए.....

( ऋषभ उठकर पोहे का बाउल किचन मे रख देता है और कुछ और बनाने के लिए कहता है तो अवनी कहती है )
अवनी - आप क्यों नहीं खा रहे ??
ऋषभ - कुछ नहीं ...
अवनी - ऋषभ जी मुझे पता है कि पोहा आपका फेवरेट ....
( बीच में ही )
ऋषभ - अब नहीं है ......
( अवनी मन में ही सोचने लगती है ( अवनी तू गधी है ( ऋषभ को देखते हुए ) तूझे क्या जरूरत थी बताने की .....बेचारे का मूड खराब कर दिया .....

ऋषभ - आप कौनसी मूवी देखेगी ?
अवनी -  हैरी पॉटर...
ऋषभ - नहीं ...वो मैंने कई बार देखा है ...
अवनी - आपके टाइप का मूवी बताऊं .....हां डॉन
ऋषभ - मुझे नहीं पसंद ...
अवनी - आखिरी बार बता रही अगर ये भी ना बोले तो मै कोई मूवी नहीं देखूंगी ठीक है ....
ऋषभ - ठीक है ..कौनसी मूवी?
अवनी -( खुश होकर ) कंजुरिंग ...

( ऋषभ अपना काम रोक देता है और अवनी की तरफ देखने लगता है तो वो कहती है )

अवनी - ( हंसते हुए )  कहीं आप डरते तो नहीं है ना ??...अगर ( दूसरी तरफ देखते हुए ) आप चाहे तो दूसरी देख सकते हैं....
ऋषभ - हां ..नहीं ..हां हम यही मूवी देखेंगे...

( कुक थोड़ी देर बाद डिनर लाकर रख देता है पर ऋषभ अभी भी काम में लगा होता है तो अवनी अपनी चेयर से उठती है और उसका सारा सामान समेट कर साइड मे कर देती है और कहती है )
अवनी - खाते टाइम नो पढ़ाई ...मतलब कोई दूसरा काम नहीं ठीक है ??
ऋषभ -( उसे देखते हुए ही ) ठीक है ( धीरे से ) बॉस....

( दोनों डिनर करते है और फिर मूवी देखने के लिए गेस्ट रूम के साइड वाले रूम में चले जाते है जो पूरा एक सिनेमा हॉल ही होता है .....अवनी पहली बार उस कमरे में आई होती है ...ऋषभ को पीछे छोड़ जाकर सीट पर बैठ जाती है और मुड़कर देखती है कि ऋषभ रूम से बाहर जा रहा है .........बाहर ऋषभ जब आता है तो देखता है कि लिली पेपर्स  को देख रही है  .... वो कहता है ,

ऋषभ - ये क्या कर रही हो तुम ...
लिली -( पेपर नीचे गिर जाता है वो हड़बड़ा के कहती है ) मास्टर ...वो .. मै वो .. पेपर्स समेट कर रूम में रखने जा रही थी ....
ऋषभ - तुम जाकर सो जाओ ....मै रख लूंगा ..
लिली - जी मास्टर ..

( लिली फिर चली जाती है और ऋषभ सारा सामान रखकर .. मूवी वाले रूम में आ जाता है जहा अवनी पूरी सीट को पीछे करके .. पॉप कॉर्न खा रही होती है ...ऋषभ धीरे - धीरे कदमों से जाता है और अवनी के पीछे वाली सीट पर बैठकर अवनी की बाते रिकॉर्ड करने लगता है  जो .वो पॉपकॉर्न खाते खाते बोल रही होती है .....)

अवनी - ( हंसते हुए ) कितने बड़े डरपोक है ऋषभ जी..... सकल उनकी देखने लायक थी हाहा ...कौन कह सकता है की हिटलर जैसे दिखने वाले मेरे पतिदेव डरपोक है .. हे भगवान कोई तो मेरी हंसी रोकवा दो.....
( पीछे से ऋषभ उसके गले पर उंगली लगाकर कहता है )

ऋषभ - मेरी कोई मदद चाहिए क्या .....

( अवनी जब गले पर ठंडी - ठंडी उंगली महसूस करती है तो पॉपकॉर्न खाना रोक लेती है और डरते हुए कहती है )
अवनी - को...कौन ??..
ऋषभ -( अवनी के कानो के पास जाकर धीरे से ) जिसे आप याद कर रही थीं......

( ये सुनते ही तो अवनी  चिल्लाने लगती है और  इस चक्कर में पॉपकॉर्न नीचे गिर जाता....तभी ऋषभ उसके मुंह पर हाथ रखकर कहता है )
ऋषभ - अरे मै हूं ..ऋषभ...
( अवनी गुस्से में सीट पर चढ़ती है और ऋषभ की तरफ देखकर ( जो मुस्कुरा रहा होता है ) उसके चेस्ट पर दोनों हाथो से मारना शुरू कर देती है और कहती है ,)

अवनी - ये ग़लत है...आपने मुझे ऐसे क्यों डराया........(मारना रोक नीचे देखते हुए) मुझे लगा वो लोग फिर से आ गए ..जिन्होंने चाकू से मारा था .........

ऋषभ -( अवनी का फेस ऊपर करके ) आईएम सॉरी.....मेरा वो ...

( अवनी पूरी बात सुने बिना ही सीट से उतरकर रूम से बाहर निकलकर  ऊपर अपने कमरे में चली जाती है .....नीचे ऋषभ वहीं सीट पर बैठ जाता है और खुद से कहता है )
ऋषभ - मुझसे बड़ा उल्लू नहीं होगा इस दुनिया में कोई ... ....कहा दिल की बात बताने की सोच रहा था और यहां इन्हे डरा दिया .........

( ऋषभ भी फिर ऊपर कमरे के पास जाता है और दरवाजा खोलकर देखता है कि अवनी ...सारी खिड़कियां .. बालकनी क्लोज कर रही है , तो वो फोन करके सिक्योरिटी गार्ड्स को हाई सिक्योरिटी देने का ऑडर देता है .....फिर दरवाजा खोलकर अंदर आता है तो दरवाजा खुलने की आवाज से अवनी डर जाती है ...और  हड़बड़ा कर उठ जाती है ....उसे देख  ऋषभ कहता है,)

ऋषभ -  अरे मै हूं...( पानी का ग्लास अवनी को देते हुए ) आप इतनी डर क्यों रही है ....
अवनी - कुछ नहीं सो जाइए आप ....
( ऋषभ ये सुनकर तो बेड पर कूद कर बैठ जाता है और अवनी के कंधे पर हाथ रखकर कहता है )
ऋषभ - आपने कहा था कि हम दोस्त है ..तो इस नाते कुछ छुपाना गलत बात है ....
अवनी -( हैरानी से देखते हुए ) ये क्या कर रहे है आप ....
ऋषभ - ओह हो बिडू...आप क्यों डर रही है ....मेरी तरफ देखिए ये आपका दोस्त हमेशा कितना खुश रहता है ...
अवनी -( हैरानी से ) आप ये क्या बोल रहे है....बिडू ...

( ऋषभ कोई जवाब नही देता है और बेड से उठकर ड्रेसिंग टेबल पर रखे हुए  अवनी की लिपस्टिक से अपने नाक पर गोला बना लेता है और उसे गोद में लेकर बेड से उतर जाता है और नीचे खड़ा करके अपनी तरफ  खींच कर डांस करने लगता है .....अवनी उसकी इस हरकत पर जोर जोर से हंसने लगती है और उसकी तरफ देखते हुए ( मन में सोचती है कि  - मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा की आप अकडू वाले ऋषभ जी है .....प्लीज़ आप ऐसे ही रहा करिए ना ....मुझे नहीं पसंद वो अकडू ऋषभ .....)..
ऋषस -( हंसते हुए ) मै क्या बहुत हैंडसम लग रहा हूं ....?

( अवनी कुछ नहीं कहती है और सर नीचे करके ही डांस करने लगती है तभी ऋषभ कहता है .....)
ऋषभ - अवनी सेल्फी....
( ऋषभ के सेल्फी कहने पर वो अपना सर ऊपर करती है तो वो पिक क्लिक कर लेता है .......और उसके कमर पर हाथ रखकर कहता है .......)
ऋषभ - नाराज है क्या आप मुझसे ?
अवनी -  आ....इतना ठंडा हाथ ..दूर हटाइए ....
ऋषभ - पहले बताइए आप नाराज है क्या ....
अवनी - हां हु ...बहुत
ऋषभ - पर क्यों ???
अवनी - मुझे ऐसे क्यों डराया ......

( ऋषभ फोन निकालकर रिकॉर्डिंग सुनाने लगता है तो वो अपना फेस धक लेती है और शर्मा जाती है .)
ऋषभ - ( फेस पर से हाथ हटाते हुए ) एक बात पूछूं ....
अवनी -( बेड पर बैठकर ) हां ....
ऋषभ - आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि आप मिस्टर राजबीर की बेटी है .....

( अवनी उसकी तरफ घूरने लगती है तो वो कहता है )

ऋषभ - प्लीज प्लीज़ ...अगर आपको नहीं बताना तो मत बताइए पर नाराज मत होना ....
( अवनी बिना कुछ कहे बेड पर लेट जाती है और कहती है ..)
अवनी - नफरत है मुझे उनसे ....

( ऋषभ भी बेड पर जाकर बैठ जाता है और कहता है )

ऋषभ - पर क्यों?
अवनी - वो अपनी बेटी से ज़्यादा अपनी वाइफ पर भरोसा करते है ..( ऋषभ के सीने पर माथा रखकर   ) उन्होंने मुझे बोर्डिंग स्कूल तक भेजने का सोच लिया थ...मुझे खुद से दूर रखना चाहते थे......

( ये कहकर अवनी रोना जोर जोर से  शुरू कर देती है तो ऋषभ जरा सा भी नहीं हिलता है ....वो अवनी की पीठ पर हाथ रख लेता है और हल्के से सहलाते हुए उसे देखने लगता है ...अवनी फिर उसकी बाहों में ही सो जाती है तो वो धीरे से ब्लैंकेट खींच कर उसे ढक देता है और वही बैठे ही सो जाता है, अचानक से बीच रात में अवनी का फोन बजता है तो उसकी नींद खुल जाती है और वो देखती है कि  वो ऋषभ के बाहों में सोई हुई है वो हड़बड़ा के बड़ी बड़ी आंखें करती है  और धीरे से  ऋषभ का हाथ उठाकर खुद को बाहर कर लेती है और उसे बैठकर देखने लगती है जो नींद में भी मुस्कुरा रहा होता है ..उसे ऐसे देख अवनी थोड़ी उसकी तरफ झुकती है और  उसके माथे पर किस करने जाती है की फोन उसका वापस से बजने लगता है ....वो हड़बड़ा कर बैठ जाती है और फोन अटेंड करके कहती है ,

अवनी - हेल्लो ??
( दूसरी साइड से एक आदमी बोलता है )
आदमी - जी बोलिए ...
अवनी - ( उबासी लेते हुए ) कौन हो?
आदमी - वहीं जो आपके बगल में है ...

( अवनी अपनी साइड में देखती है ऋषभ की तरफ जो सोते हुए भी हैंडसम लग रहा होता है .....वो कहती हैं)
अवनी - ( थोड़ा आगे खिसक कर )आप सोते हुए कितने हैंडसम लगते हैं......
( वो आदमी कहता है )
आदमी - क्या सच में ?
अवनी - ओय तू चुप और बता तू है कौन ?? किससे बात करना है ....
आदमी - आप अकेली है क्या ?
( अवनी को गुस्सा आ जाता है पर वो मजाक के मूड में आकर कहती है )
अवनी - अकेले तो आप भी नहीं है ,...
आदमी - अरे मै बिल्कुल अकेला हूं ...
अवनी - अपने पीछे देखिए ...ध्यान से देखना...जरूर कोई चुड़ैल ,भूत तो दिख ही जाएगा ...
आदमी -( हंसते हुए ) मजाक मत करिए ..ये बताइए आप अकेली है क्या ??

(  ऋषभ आवाज से उठ गया होता है ...पर अवनी को किसी से बाते करते हुए देखता है तो आंखे बन्द करके सुनने लगता है )

अवनी -( माथे पर हाथ रखकर) कहा अकेली हु ....,तुम्हे पता है मेरा एक पति है …..और 5 बच्चे ..भला इस कोई अकेला कह सकता है क्या ....तुम क्या समझोगे मेरा दर्द .....( गुस्से में😡 ) साले तू फोन रख ...मेरी पूरी नींद खराब कर दी ..अच्छा खासा सपना तोड़ दिया मेरा ...अब अगर वापस से कॉल किया तो सच्ची ..घर में घुस कर इतना मारूंगी की अपने पड़ोसीयो को कॉल करने के लायक भी नहीं बचेगा ....( चिल्ला कर ) फोन कट कर .....

( पीछे बैठा हुआ  ऋषभ जब सुनता है तो उसकी हंसी ही नहीं रुकती है ..फिर भी अपनी हंसी कंट्रोल करके पूछता है )
ऋषभ - कौन था ??
अवनी -( गुस्से में) कोई बेवड़ा .....

( फिर वो मुड़कर देखती है कि ऋषभ अपने मुंह पर हाथ लगाए हंस रहा होता है ..वो शर्माकर आगे देखने लगती है और कहती है )
अवनी - वो ...वो कोई पागल था ...
ऋषभ -( अपनी तरफ खींच कर ) आईएम प्राउड ऑफ़ यूं अवनी ...ऐसे लोगो से ऐसे ही बात करना चाहिए.......पर अगली बार से मुझे देना कॉल अगर कोई परेशान करता है तो....
( ये कहकर ऋषभ लेटकर दूसरी साइड फेस करके सो जाता है ...थोड़ी देर बाद अवनी भी )

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अगली सुबह ....आनंद और खुशी तैयार होकर परी को लेकर हॉस्पिटल पहुंच जाते है क्योंकि आज उसके हार्ट का सर्जरी होने वाला होता है ....परी बहुत डरी होती है तबतक ऋषभ और अवनी भी पहुंच जाते है तो वो भागकर ऋषभ को पकड़ लेती है ........अवनी....ऋषभ की तरफ देखने लगती है तो वो मुस्कुरा कर परी को गोद में उठा लेता है और कहता है ,
ऋषभ - आप तो मेरी ब्रेव बच्ची है ...फिर क्यों डर रही है ...

( परी....ऋषभ के गले लग जाती है ....पीछे से विहान ,आदि और रिया ..एक टोकरी बहुत सारी स्वीट्स भरके लाते है और कहते है ,)
आदि - परी बेटा .....आपको पता है आपकी रिया भाभी को तो सुई से डर लगता है ...बहुत डरपोक है वो ...
( आदि ..रिया की तरफ देखने लगता है तो वो )
रिया -( हंसते हुए ) हां बिल्कुल ...एक बार पता है इतना डर  गई थी कि जब मुझे सुई लग रही थी तो आदि जी को आगे कर दी..उनको लग गया है ना मजेदार ...

( परी जोर जोर से हंसने लगती है .....अवनी वहीं सीट पर बैठ जाती है तो खुशी आकर कहती है )
खुशी - क्यों ...खुश हो ना .
अवनी -( खुशी की तरफ देखते हुए ) शादी करके तो मुझे भूल ही गई मेरी देवरानी ....
खुशी -( मारते हुए ) ओय ..ये देवरानी मत बोलो ना ...कितना अजीब लग रहा है ...
( आनंद बीच मे ही ,)
आनंद - हां भाभी ...देवरानी नहीं ..आनंद की रानी कहिए
( अवनी ...आनंद का कान पकड़ कर कहती है )
अवनी - अब तो सुधर जाइए ...
आनंद - ओह हो भाभी  कान छोड़ दीजिए...वैसे एक गुड़ न्यूज बताऊं क्या ..?
अवनी - हां ..
आनंद - मै फिर से शादी कर रहा ....
अवनी - ( हैरानी से ) क्या ...
आनंद - ( हंसते हुए ) आपकी खुशी से ...... हा हा ..मै जानता था आपका यही रिएक्शन होगा ...
अवनी - ओह हो देवर जी...फिर कब आ रहे हमारी दुल्हनिया को लेने ...
आनंद -( खुशी की तरफ देखकर )कुछ दिन बाद ......

( अवनी ....खुशी की तरफ देखने लगती है और कहती है )

अवनी - इतनी जल्दी तैयारी कैसे होगी ....
आनंद - भाभी सब कुछ हो जाएगा ....ये श्वेता मां का ही डिसीजन था ....

( तबतक परिवार के सभी लोग आ जाते है ... श्वेता जी और नैंसी भी ...सिवाय अनंत जी और आकाश जी के क्योंकि वो कंपनी मे गए होते है .....इधर सब लोग परी को खुश करने में लगे होते है ताकि वो डरे नहीं ....विहान तो उसे अपना लॉकेट निकालकर हाथो मे रख देता है और कहता है .. डर लगे तो विहान भाई को याद करना ..........अवनी बहुत खुश होती है .. फाइनली वो दिन आ गया जो वो बरसो से चाहती थी ....वो ऋषभ को देखकर मुस्कुरा रही होती है ....जो परी को इतनी देर से गोद में लिए ही .. हंसा रहा होता है .....तभी डॉक्टर आ जाता है पूरी तैयारी के साथ वो परी को स्ट्रेचर पर लिटा देता है तो वो अवनी का हाथ पकड़ लेती .....
अवनी - मै बाहर ही हूं .....

( डॉक्टर फिर परी को सर्जरी रूम में लेकर चला जाता है ....बाहर सब लोग इंतेज़ार करने लगते है ...तभी कही से देव आकर कहता है )
देव - आप सब लोग यहां क्या कर रहे है ?
( सब लोग उसे हैरानी से देखने लगते है ..फिर आनंद पूछता है)
आनंद - तुम क्या कर रहे हो ?
संजना - पीछा कर रहा होगा ...

( आनंद पीछे मुड़कर संजना को शांत रहने के किए कहता है .......फिर देव कहता है )

देव - वो मै नील भाई को हॉस्पिटल लेकर आया हूं ....

( अवनी जब सुनती है तो सीट से उठकर उससे पूछती है )
अवनी - क्यों..क्या हुआ नील भाई को ..वो ठीक तो है ना ??
देव -( मुस्कुराते हुए ) हां दीदी ..वो ठीक है ..वो बस कल उन्होंने गलती से पीनट्स खा लिए थे और उन्हें इससे एलर्जी है
अवनी - ओह ...
देव - ( हंसते हुए ) ये मुझे खानदानी बीमारी लगती है ...जैसे कि आप मेरे डैड को ही ले लो उन्हे भी है .
अवनी - ओह .........मुझे भी है ....

( ऋषभ उन दोनों को देखने लगता है )

देव - ( सोचते हुए ) पर मै भी तो इसी खानदान का हूं ..,मुझे तो नहीं है ....

संजना - तुमसे किसी ने पूछा .....

( दोनों एक दूसरे को घूरने लगते है तो नैंसी कहती है )

नैंसी  - मै एक  बार नील जी से मिल सकती हूं क्या ?

( सब लोग उसकी तरफ देखने है तो वो कहती है )

नैंसी - अरे...आप लोग मुझे ऐसे मत देखिए ..वो ना मेरा और नील जी का सब्जेक्ट सेम है ...तो मै बस उनसे पूछ कर आती हूं  कि कैसे कैसे क्वेश्चन आते है ...ठीक है ...

( इससे पहले कोई कुछ कहता वो देव से रूम नंबर पूछकर पहुंच जाती है और दरवाजा खोकर कहती है )
नैंसी  - हेलो मिस्टर नील ....
( नील आंखे खोलकर उसकी तरफ देखता है तो वो कहती है )
नैंसी - वाह आप तो नीली आंखो वाले नील निकले....
नील - तुम कौन हो ?
नैंसी - आप मुझे कैसे भुल सकते हो ....अरे मै ख़ुशी दीदी कि बहन ....उस रोहन को पीटा था आप लोगो ने  ..,याद आया कुछ ..
( नील झुक कर पानी लेने की कोशिश करता है पर बीच बीच में उसे जलन और खुजली होती है तो वो वहां पहुंच ही नहीं पाता है तो वो नैंसी की तरफ मुड़कर उससे पानी देने के लिए कहता है तो वो कहती है )

नैंसी  -( पानी की बॉटल उठाकर) पानी तो मै दे दुंगी ...पर उसके बदले आपको कुछ करना होगा .....
नील - क्या ??
नैंसी -( खुश होकर ) कुछ महीने तक  मेरा बॉयफ्रेंड बनने का नाटक ...
नील - तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना ...
नैंसी  - ठीक है फिर मै चलती हु ..और बाहर कह दुंगी की आप सो रहे हों.....
नील - क्यों कर रही हो ये ?
नैंसी  - ( हाथ जोड़ कर ) प्लीज़ हां बोल दो ना ....वरना मेरी बेइज्जती हो जाएगी .....मैंने कॉलेज में सबके सामने कहा था कि कुछ दिनों में बॉयफ्रेंड लेकर आयूंगी......
नील - ठीक है ..पहले मुझे पानी दो ...
नैंसी  - सच्ची मे ना...रुको एक मिनट फूल प्रूफ होने के बाद पानी दूंगी ....
( फिर वो अपना फोन निकालकर पानी की बोतल नीचे रखकर .... नील के साइड मे जा कर उस कहती है )
नैंसी - जरा कैमरा मे देखना ....फ़ूल स्माइल के साथ ...

( नील ...नैंसी की तरफ देखने लगता है तो वो पिक क्लिक कर लेती है और फिर उसे पानी देकर कहती है )
नैंसी - ये पानी और ( एक पेज देकर ) इसपर मेरा नंबर है ....
( फिर वो टेक केयर कहके बाहर चली जाती है ...उसके जाने के बाद नील पानी पीकर पेपर उठाकर देखता है जिसपर नंबर के साथ लिखा होता है
      - सॉरी आई नो मैंने जबरदस्ती ब्वायफ़्रेंड बना रही हूं  ..पर सिर्फ कुछ महीने के लिए...उसके बाद आप अपने रास्ते और मै अपने ...और हां किसी और पर भरोसा नहीं कर सकती क्योंकि आपने उस रोहन को पीटा था इसलिए मेरी नजर में एक अच्छे इंसान है

नील वो पेपर फोल्ड करके रख लेता है.....

दूसरी तरफ
सब लोग डॉक्टर का इंतेज़ार कर रहे होते है लगभग 2 घंटे बीत गए होते है ... यहां बाहर अवनी की हालत बिगड़ रही होती है..वो बार बार जाकर दरवाजे पर खड़ी होकर सर्जरी देखने को कोशिश कर रही होती है तो ऋषभ कहता है,
ऋषभ - आप यहां शांति से बैठ जाइए ...
अवनी -( ऋषभ का हाथ पकड़कर ) मेरी परी ठीक होगी ना .....मेरी नन्ही सी जान ...पता नहीं कैसे सह रही होगी वो सब....
ऋषभ - परी बहुत ब्रेव है ....

( फिर वो अवनी को सीट पर लाकर बैठा देता है ....लगभग 3 घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टर बाहर आता है और कहता है )
डॉक्टर - अब परी बिल्कुल ठीक है ...सर्जरी सफल रहा ..पर अभी वो बेहोश ही है तो आप लोग बारी बारी से देख सकते हैं......

( डॉक्टर फिर चला जाता है...तो अवनी खुश होकर ऋषभ से कहती हैं)
अवनी - थैंक्यू सो मच ये सब आपकी वजह से हुआ है...अब मै वो करूंगी जो आप चाहते हैं....

( इतना कहकर वो अंदर चली जाती है.....सब लोग बारी बारी से  उससे मिलते है ....ऋषभ के कहने पर सब लोग घर चले जाते है ...कुछ दिन तक परी हॉस्पिटल में ही रहती है तो सब लोग आते जाते थे उससे मिलने ...कुछ दिनों बाद नील की तबीयत भी ठीक हो जाती है ....इन्हीं दिनों में दोनो परिवारों ने शादी के लिए डेट भी फिक्स कर दिया होता है इसलिए खुशी को अपनी मॉम के घर जाना पड़ता है ..पर आनंद का जब मन करता है वो उससे मिलने चला जाता था .......टोनी अंकल भी जल्द से जल्द रिया और आदि की शादी  करवाना चाहते थे.. जिसकी पूरी जिम्मेदारी निहारिका जी खुद पर ले लेती है ये कहकर कि ..रिया तो मेरी बेटी जैसी है और ऊपर ऋषभ की दोस्त भी...इसमें अनंत जी को कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि टोनी अंकल और वो दोस्त होते है .............परी को फिर अवनी अपने घर लेकर आ जाती है ऋषभ के कहने पर .... वहां वो दोनो ही मिलकर उसका बहुत ख्याल रखते है ....कुछ हफ्तों में परी की तबियत ठीक हो जाती है वो फिर से निहारिका जी के पास चली जाती है क्योंकि सपना जी ऐसा चाहती थी ...........सब कुछ ठीक होने के बाद आनंद और खुशी की सगाई  होने की तैयारी शुरू हो जाती है ........

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आज का भाग कैसा लगा ?

अभी तक कौनसा कैरेक्टर आपको ज्यादा पसंद आया ❤️खैर मुझे तो सारे ही 😍

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5 Comments

Ashant.

26-Apr-2022 09:50 PM

आनंद 🥰🥰🥰

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Waah. Aap to too much ho maidm ji. Kya likhti ho, ek trf khushi aur anand, dusri trf rishabh avni, aur ab sanjana bhi, story intresting pr intresting hoti jaa rhi

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Seema Priyadarshini sahay

13-Mar-2022 05:22 PM

मुझे तो आपकी रचना ही बहुत पसंद आती है।👌💐

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